किडनी (गुर्दे) हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं। ये न केवल शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करते हैं, बल्कि रक्तचाप नियंत्रण, खून की सफाई, मिनरल बैलेंस और हार्मोन उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन जब ये किडनी धीरे-धीरे खराब होने लगती है, तो शरीर में कई गंभीर बदलाव देखने को मिलते हैं।
समस्या यह है कि किडनी खराब होने के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे उभरते हैं और लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। यदि समय रहते पहचान कर ली जाए, तो किडनी की गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
किडनी क्यों खराब होती है?
किडनी फेलियर या किडनी रोग का मुख्य कारण होता है—
- डायबिटीज (मधुमेह)
- हाई ब्लड प्रेशर
- बार-बार यूरिन इन्फेक्शन
- अधिक दवाइयों का सेवन (खासकर दर्द निवारक दवाएं)
- पानी कम पीना
- जंक फूड और नमक की अधिकता
अब जानते हैं, किडनी खराब होने के लक्षण कौन-कौन से होते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण
1. बार-बार पेशाब आना या पेशाब रुक जाना

जब किडनी पूरी तरह से फिल्टरिंग नहीं कर पाती, तो पेशाब की मात्रा में बदलाव आता है। कभी ज़्यादा पेशाब आना, तो कभी बिल्कुल कम या रुक जाना – यह दोनों ही स्थितियां खतरनाक संकेत हैं।
2. पेशाब में झाग, बदबू या खून आना

यदि पेशाब में झाग बनने लगे, बहुत तेज गंध आए या उसमें खून नजर आने लगे, तो यह खराब किडनी के लक्षण हो सकते हैं।
3. शरीर में सूजन (Edema)

सुबह उठने पर चेहरे, आंखों के नीचे सूजन या पैरों में लगातार सूजन रहना – यह संकेत देता है कि किडनी से नमक और पानी फिल्टर नहीं हो पा रहा है।
4. थकान और कमजोरी

जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो शरीर में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं, जिससे व्यक्ति हमेशा थका-थका और सुस्त महसूस करता है।
5. भूख कम लगना और मतली आना

किडनी खराब होने से पाचन तंत्र (Digestive System) पर असर पड़ता है, जिससे उल्टी जैसा मन रहना, स्वाद बदलना और भूख का गायब होना आम बात हो जाती है।
गंभीर अवस्था में दिखाई देने वाले लक्षण
6. सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ
यदि किडनी पर्याप्त मात्रा में यूरिया और विषैले पदार्थ नहीं निकाल पाती, तो वह फेफड़ों में जमा हो सकते हैं और इससे सांस लेने में दिक्कत होती है।
7. हाई ब्लड प्रेशर

किडनी खराब होने से शरीर में सोडियम जमा हो जाता है, जिससे रक्तचाप बढ़ता है। क्रॉनिक हाई बीपी खुद एक कारण और परिणाम दोनों हो सकता है।
8. त्वचा पर खुजली और रूखापन

विषैले तत्व जब त्वचा में जमने लगते हैं, तो खुजली, ड्रायनेस और स्किन की रंगत में बदलाव देखा जा सकता है।
9. नींद न आना (Insomnia)

किडनी की खराबी से शरीर में टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे नींद न आना, बेचैनी और थकावट बनी रहती है।
10. मूत्र में जलन और यूरिन इंफेक्शन

बार-बार यूरिन आना, जलन होना, या पेशाब करते समय दर्द महसूस होना – ये भी किडनी के लक्षण हो सकते हैं।
किडनी की जांच कैसे होती है?
यदि आपको संदेह हो कि आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही, तो डॉक्टर नीचे दिए गए टेस्ट करवा सकते हैं:
- Serum Creatinine Test
- Blood Urea Nitrogen (BUN)
- Urine Routine Examination
- eGFR (Estimated Glomerular Filtration Rate)
- Ultrasound Abdomen
- 24-Hour Urine Protein Test
इन टेस्ट से यह पता चलता है कि आपकी किडनी फिल्टरिंग करने में कितनी सक्षम है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से किडनी रोगों का समाधान
आयुर्वेद में किडनी (वृक्क) को शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक माना गया है, जो अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने और जल-विद्युत संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। जब शरीर में दोषों का असंतुलन—विशेषकर वात और कफ दोष—होता है, तो यह किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है।
आयुर्वेद में किडनी की समस्याओं का उपचार तीन प्रमुख तरीकों से किया जाता है:
दोषों का शोधन (Detoxification): पंचकर्म थेरेपी जैसे बस्ती और विरेचन द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता है।
हर्बल औषधियों का सेवन: गोक्षुर, पुनर्नवा, वरुण, गिलोय, और चंद्रप्रभा वटी जैसी जड़ी-बूटियाँ किडनी की सूजन को कम करने, मूत्र प्रवाह सुधारने और संक्रमण को रोकने में सहायक मानी जाती हैं।
आहार और जीवनशैली में सुधार: कम सोडियम (लौकी, टिंडा, कद्दू), हाई फाइबर आहार (अनाज, अलसी,ताजा फल), नियमित योग अभ्यास और दिनचर्या को संतुलित करने की सलाह दी जाती है।
किडनी हेल्थ के लिए क्या करें?
क्या करें:
- ब्लड प्रेशर और शुगर को कंट्रोल में रखें
- नियमित व्यायाम करें
- साल में एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) जरूर करवाएं
क्या न करें:
- बिना डॉक्टर के सलाह के दवाइयां न लें
- अत्यधिक नमक और प्रोसेस्ड फूड से बचें
- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें
- जरूरत से ज्यादा प्रोटीन न लें (खासकर रेड मीट)
निष्कर्ष
किडनी खराब होना धीरे-धीरे शुरू होता है लेकिन अगर समय रहते इसके किडनी खराब होने के लक्षण पहचान लिए जाएं, तो जीवनभर की परेशानी से बचा जा सकता है। एक छोटी सी लापरवाही बड़ी बीमारी में बदल सकती है।
स्वस्थ किडनी, स्वस्थ जीवन की कुंजी है। इसलिए यदि आपको ऊपर बताए गए किडनी के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें और आवश्यक जांच करवाएं।