आयुर्वेद ने हमेशा प्राकृतिक तरीकों से शरीर और मन को संतुलित करने पर ज़ोर दिया है। आजकल ब्यूटी इंडस्ट्री में एक पुरानी आयुर्वेदिक तकनीक फिर से चर्चा में है—कांसा मसाज। कांसे की वैंड से की जाने वाली यह मसाज न सिर्फ त्वचा की अशुद्धियाँ बाहर लाने में मदद करती है, बल्कि चेहरे को ताज़गी और चमक भी देती है।
कांसा मसाज क्या है?
कांसा मसाज में विशेष कांस्य धातु (ब्रॉन्ज) से बनी वैंड का उपयोग किया जाता है। इस वैंड की गोल सतह को चेहरे, गर्दन और पैरों पर हल्की गोलाई में घुमाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार कांसा शरीर में बढ़ी हुई अम्लीयता (acidity) को संतुलित करता है और ऊर्जा के प्रवाह को बेहतर बनाता है।
कांसा मसाज के प्रमुख फायदे
रक्त संचार में सुधार – मसाज से रक्त संचार में सुधार होता है जिससे त्वचा को बेहतर पोषण मिलता है।
सूजन और थकान में राहत – यह लसीका प्रवाह (lymphatic drainage) को बढ़ावा देती है, जिससे चेहरे की सूजन और थकान कम होती है।
त्वचा की गहराई से सफाई – कांसा त्वचा की सतह से अतिरिक्त अशुद्धियाँ खींचने में मदद करता है।
प्राकृतिक निखार – नियमित कांसा मसाज से चेहरा मुलायम और दमकता हुआ दिखाई देता है।
तनाव से मुक्ति – हल्की मसाज मानसिक शांति और आराम भी प्रदान करती है।
कांसा मसाज कैसे करें
तैयारी: चेहरा साफ करके उस पर हल्का तेल (तिल, नारियल या बादाम) लगाएँ।
वैंड का उपयोग: कांसा वैंड को चेहरे पर बाहर और नीचे की ओर हल्के गोल घुमाव में चलाएँ।
समय: हर सत्र 5–10 मिनट पर्याप्त है।
नियमितता: हफ्ते में कम से कम 3 बार करें।
सावधानी: संवेदनशील त्वचा या एलर्जी होने पर पहले त्वचा परीक्षण करें।
ध्यान रखने योग्य बातें
जिन लोगों को धातु से एलर्जी है वे इसका प्रयोग न करें।
यदि त्वचा पर दाने या घाव हों, तो मसाज से बचें।
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निष्कर्ष
कांसा मसाज न सिर्फ एक प्राचीन आयुर्वेदिक तकनीक है बल्कि आज का आधुनिक ब्यूटी ट्रेंड भी है। यह त्वचा को गहराई से साफ करने, चमक लाने और मन को शांत करने में मदद कर सकती है। यदि इसे नियमित रूप से और सावधानी से अपनाया जाए, तो यह आपके त्वचा देखभाल दिनचर्या (skincare routine) का अहम हिस्सा बन सकती है।