Chandigarh- 24th April 2020- जहाँ आज पूरा विश्व व भारत कोरोना की महामारी से जूझ रहा है और हर देश इसके इलाज और रोकथाम के प्रयास करने में लगें है ! कोरोना के रोकथाम में भारत पुरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है और हमारे देश की कोरोना को लेकर रोकथाम की रणनीति को पूरा विश्व भारत की प्रसंशा कर रहा है, वहीँ एक सच ये भी है की भारत में आज भी चिकित्सा के कोई सख्त नियम व कानून नहीं है या फिर सरकारें इसे सख्ती से लागु नहीं करवा पा रही ! आज हिंदुस्तान में सरेआम लोग बिना किसी भी डॉक्टर की डिग्री रेजिस्ट्रेड डिग्री ( BAMS, BHMS, BUMS, MBBS, MD, RMP etc) या चिकित्सा की पढ़ाई के बिना किसी रोक-टोक के लोगों का इलाज कर रहें है ! यहाँ तक की कुछ लोग तो अपने आप को शुगर से लेकर कैंसर तक या इस महामारी कोरोना को भी ठीक करने का दवा करते हैं ! ऐसे बहुत से लोग है जो टीवी या युटुब पर बैठ कर लोगों को आयुर्वेदा व नेचुरल इलाज के नाम पर भर्मित करके पैसे लूट रहें है !
देश में इस वकत हजारों ऐसे फ़र्ज़ी आचार्य व आयुर्वेदचार्य बनकर TV व Youtube पर बैठ कर इलाज करने का दवा करते है और इन सभी में एक प्रमुख नाम है बिसरूप राय चौधरी का जिसने इस आपदा के समय में भी अपने भ्रमित वायरल वीडियो के द्वारा देश में चिकित्सा पध्दतियों पर ही सवालिया निशान लगा दिया है ! और इसका खुलासा किया है एक यूट्यूब चैनल पर जाने माने डॉक्टर परमजीत सिंह ने, उन्होंने सरेआम यूट्यूब चैनल पर बिस्वरूप चौधरी व उनकी डिग्रीओं पर सवाल उठाये है, जिसका बिसरूप चौधरी कोई भी संतोष जनक व वाजिब जवाब नहीं दे पाये। इसके अल्वा एक प्रशिद्ध यूट्यूब चैनल लल्लन टॉप ने भी एक डिबेट में बिस्वरूप चौधरी का पर्दाफाश किया है और यहाँ तक उन्होंने कोरोना को लेके किये गए उन के जूठे दावों की भी पोल कौन के रख दी !
विस्तार से जानकारी के लिए देखिये उनका ये वीडियो :
See the Lallantop Channel Debate :
डाक्टर परमजीत सिंह ने अपने यूट्यूब वीडियो व हमें दी गए जानकारी में भी बताया की ये व्यक्ति अपने आप को डाईबेटिस को ठीक करने का एक्सपर्ट बताता है जब की ये Drugs and Magic Remedies Act (Objectionable Advertisement) 1954 (DMR 1954 ) के खिलाफ है, निचे दिए गए वीडियो में इन्होने इनकी फ़र्ज़ी डिग्रीओं की भी पोल खोल के रख दी, जहाँ इसने बहुते से ऑनलाइन ट्रेनिंग सेमिनार व ऑनलाइन सर्टिफिकेट, यहाँ तक की पीएचडी इन फिलोस्पी की भी एक होनौरी डिग्री लगायी हुए है, इन डिग्रीओं को दिखाकर ये अपने आप को डॉक्टर कहलाता है और लोगों को भ्रमित करके सरे आम डॉक्टर बनकर हर प्रकार की बीमारी को ठीक करने का दावा करता है !
देखिए ये वीडियो जिसमे बहुत ही विस्तार से बिस्वरूप चौधरी के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर परमजीत सिंह :
https://youtu.be/GqEXeBRJffw
जहाँ देश व सभी राज्यों की सरकारें लोकडाउन करके लोगों को घरों में रहने को बोल रही हैं और कोरोना वायरस की रोकथाम में लगी हैं वहीँ उनके वायरल होते वीडियो में बिस्वरूप चौधरीका कहना है की कोरोना मामूली जुखाम है और इसके लिए लोकडाउन करना ठीक नहीं ! यहाँ तक की ये कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को भी ठीक करने का दावा करते हुए दिखाई दे रहें है ! यहाँ सोचने वाली बात ये है की बिना किसी सर्टिफाइड मेडिकल स्टडी या डॉक्टर डिग्री के कोई भी व्यक्ति कैसे इलाज कर सकता है या इस जैसे कितने अन्य लोग बिना रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर डिग्री के इलाज कर रहे है ! क्या ऐसे लोगों के खिलाफ Indian Medical Council Act, 1956 , The Indian Medicine Central Council Act, 1970 व Disaster Management Act 2005 के अनुसार करवाई नहीं करनी चाहिए ?
ये बड़ा ही गंभीर मुद्दा है और हम भारत के माननीय सेहत मंत्री व सेहत विभाग और आयुष मिनिस्ट्री से निचे लिखे बातों पर ध्यान देने व इस रिपोर्ट के माधयम से इस पर संज्ञान लेने का आग्रह करते है :
- क्या भारत में कोई भी व्यक्ति बिना किसी रजिस्टर्ड मेडिकल डिग्री के इलाज या क्लिनिक या यूट्यूब पर बैठ के इलाज या सेहत की सलाह दे सकता है ? अगर इसका उत्तर न है तो फिर इन लोगों या फ़र्ज़ी संस्थानों पर करवाई क्यों नहीं ? और अगर इन पर करवाई नहीं कर सकते तो कृपया सभी मेडिकल कॉलजों को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि जब ऐसे लोग अपने ही फ़र्ज़ी मेडिकल बोर्ड बनाकर कर मेडिकल की फ़र्ज़ी डिग्रियां लोगों को बाँट रहे है और इन फ़र्ज़ी डिग्रीयों व फ़र्ज़ी मेडिकल स्टडी के दम पर ये फ़र्ज़ी लोग अपनी दुकानदारी चलाकर लोगों को लूट रहे है और गुमराह भी कर रहे है ! !
- क्या आयुर्वेदा सिर्फ दादी नानी या सिर्फ घरेलु नुस्खों तक सिमित है और कोई भी आज आयुर्वेदा के नाम पर इलाज कर सकता है बिना आयुर्वेद की पढ़ाई किये ? क्या इसकी वजह से भारतीय धरोहर “आयुर्वेदा” का नुक्सान नहीं हो रहा है ? आज पूरा विश्व आयुर्वेदा को एक प्रमुख चिकित्सा पध्दत्ति के रूप में देख रहा है तो क्या हमें इस धरोहर की प्रमाणिकता व विश्वश्नीयता को बचाना नहीं चाहिए ?
- क्या सरकार को ऐसे सभी व्यक्तिओं जो इस राष्ट्रीय आपदा व संकट के दौरान देश के कानून की सरे आम परवाह किये बिना मेडिकल साइंस के विरुद्ध बोल कर देश को गुमराह कर रहें हों, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए FIR दर्ज नहीं करनी चाहिए ?
- आज डॉक्टर बनने के लिए डॉक्टर 5-6 साल कठिन महनत करके जो डिग्री ( BAMS, BHMS, BUMS, BYNS, MBBS, MD ) प्राप्त करते हैं और आज हर पैथी के डॉक्टर अपनी जान की परवाह किया बिना अपने फ़र्ज़ को निभा रहें है क्या ये उनके साथ नाइंसाफी नहीं ? क्योंकि अगर आज ऐसे लोग लोग मेडिकल के चार अक्षर या आयुर्वेदा के तीन अक्षर वात , पिट और कफ गुग्गल से सिख कर डॉक्टर बन गए है हुए सरेआम इलाज कर रहें है और असली डॉक्टरों के बारे में कुछ भी अनाप सनाप बोलतें हैं तो ये पुरे चिकित्सा जगत व भारत के पुरे मेडिकल सिस्टम पर सवालिया निसान है !
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के भूतपूर्व अध्यक्ष Dr K.K.Aggarwal क्या कहते है इस विषय पर देखिये ये वीडियो :
इसी विषय पर हमने Deep Ayurveda के सीईओ विष्णु शर्मा से भी बात की, विस्तार से जानकारी के लिए निचे दिए वीडियो को देखें:
https://youtu.be/4vrB-zqN3-U
किसी भी देश की अगर मेडिकल सिस्टम पर कोई कण्ट्रोल न हो तो ये उस देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्य की बात है और ऐसा देश कभी भी उन्नति नहीं कर सकता ! मुद्दे की गम्भीरता को को देखते हुए हमारा देश के माननीय प्रधान मंत्री , सेहत मंत्री , आयुष मंत्री, सभी राज्यों के मुख्य मंत्रियों व डायरेक्टर जनरल ऑफ़ हेल्थ से आग्रह है इस विषय पर गंभीरता से संज्ञान ले और इस व्यक्ति के खिलाफ Disaster Management Act 2005 , Drugs and Magic Remedies (Objectionable Advertisements) Act, 1954 व अन्य कानून मुताबिक करवाई करते हुए FIR दर्ज करें और मेडिकल सिस्टम व भारतीय चिकित्सा को कलंकित होने से बचाएं ! अगर ऐसे किसी एक को कानून सजा देगा तो बाकि लोगों को मन में भी देश के कानून का भय होगा !
नहीं वो दिन दूर नहीं जब हर कोई खुद का डॉक्टर खुद बन बैठेगा तब उसके परिणाम इस कोरोना से भी भयंकर होंगे !
वैधानिक अस्वीकरण: इस रिपोर्ट को पब्लिश करने का हमारा मकसद किसी भी योग्य चिकित्सक या पैथी पर सवाल उठाना नहीं बल्कि अयोग्य व डोंगी लोगों द्वारा आयुर्वेदा के नाम पे हो रहे खेल को उजागर करना है। अगर हमारी इस रिपोर्ट से किसी भी व्यक्ति या व्यक्ति विशेष को कुछ ठेस पहुंची हो तो कृपया ऐसे लोग हेल्थ के साथ खिलवाड़ न करें, आयुर्वेदा की महत्वता को समझे और उचित और वैधानिक तरीके से आयुर्वेदा का प्रसार प्रचार करें। अगर आप के पास भी कोई ऐसी जानकारी या सुझाव है तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में लिखे या फिर अपने आर्टिकल ऊपर दिए गए लिंक पर सबमिट करें । हम ऐसे सभी मुद्दों पर रिपोर्ट पब्लिश करेंगे जहाँ सेहत के नाम पे आयुर्वेदा को कलंकित करने की साजिश की जा रही होगी ! हिंदी टाइपिंग में त्रुटि के लिए खेद !